भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं होने से हौसले बुलंद
मिशन क्रांति न्यूज,,, जांजगीर-चाम्पा। प्रधानमंत्री आवास योजना हो या फिर इंदिरा आवास योजना,, गांव के गरीब तपके के लेागों से सरपंच व सचिव के दलाल सीधे संपर्क साधने में जुट गए है,,यह सिलसिला काफी पहले से अनवरत जारी है। दलाल सक्रिय होकर आवास योजना की स्वीकृति से पहले व स्वीकृति के बाद पैसे की डिमांड कर रहे हैं,,, वहीं कई गावों के सरपंच सीधे हितग्राहियों से लेनदेन करने की जुगत में लगे हैं, हालांकि गांव के लोग सरकारी योजना से वंचित होने के खौफ से सरपंच व सचिव द्वारा लेनदेन की बात स्वीकार करने में कोताही बरत रहे हैं लेकिन दबी जुबान से वे इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि उनसे आवास के लिए राशि दिलवाने व आवास बनवाने खुलेआम पैसे की डिमांड की जा रही है।
केंद्र सरकार की मंशानुरूप गरीबी रेखा के अंतर्गत जीवनयापन करने वाले गरीबों के कचचे मकान को पक्का मकान बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की शुुरूवात की गई है,,, जिसके लिए ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव द्वारा नाम चयनित कर भेज दिया गया है,,,लेकिन इसके पहले कई गावों में सरपंच व सचिव की मिलीभगत से दलालो के माध्यम से गरीबों से लेनदने करने की बात सामने आई है हालांकि मिशन क्रंाति न्यूज टीम ने जब ऐसे हितग्राहियों से संपर्क साधा और इस लेनदेन की खुलासा के लिए तह तक जाने की बात कही तो उन्होंने पहले तो सीरे से इस बात को इंकार कर दिया लेकिन अखबारों मेंु नाम प्रकाशन नहीं करने की शर्त पर दबी जुबान से बताया कि उनका नाम पहले इस आवास सूची में नहंी था लेकिन सुची में नाम डालने के लिए उन्होंने उनसे लेनदेन की बात कही,,,पहले तो उन्हें यह नागवार गुजरा और आवास के बदले पैसे देने से साफ इंकार कर दिए लेकिन लगातार उनके दलालों द्वारा शीघ्र आवास के लिए राशि उपलब्ध कराने का दावा करने पर वे उनके झांसे में आ गए और आखिरकार उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनका नाम सूची में जोडने की गुजारिश कर दी,,,इसके लिए उन्हें जेब भी ढीली करनी पडी,,क्योंकि यह गरीबों की मजबूरी भी थी हितग्राहियों का कहना था कि वे पात्रता रखते हुए भी इस योजना के लाभ से वंचित हो जाते अगर वे पैसे देने से इंकार करते,,,चूंकि दलालों के जरिए किए जा रहे इस वसूली का कोई पुख्ता सबूत भी उनके पास नहीं है,,,क्योंकि यह लेनदेन का खेल बडी संजीदगी से खेला जाता है,,,मिशन क्रंाति न्यूज से उन्होंने बातें साझा किया और इंदिरा आवास योजना में इसी तरह की गडबडी सामने आ रही है,,, ऐेसे में जहां दलाल सरकारी योजना का खुलेआम माखौल उडा रहे हैं और शासन-प्रशासन मौन है,,,,,सूत्रों की मानें तो ये हितग्राहियों से किसी से दस हजार तो किसी से बीस हजार रूपए की डिमांउ कर रहे हैं,,, वहीं कई हितग्राहियों से तो सीधा आधा हिस्सा मांगा जा रहा है,,,नहीं देने पर नाम नहीं भेजे जाने अथवा दूसरी किश्त के लिए प्रक्रिया आगे नहीं बढाए जाने की बात कही जा रही है। ऐसेे में सवाल यह उठता है कि आखिर आवास निर्माण के लिए सरकार की इस योजना का खुलेआम बंदरबाट हो रहा है और इससे ना तो किसी अफसर को कोई मतलब है और ना ही जनप्रतिनिधियों को इससे कोई सरोकार,,,
भ्रष्टाचार पर नहीं लगाम
शासन -प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते यहां सरकारी दफतर के अलावा हर सरकारी काम के लिए पैसों का लेनदेन आमबात है,,, क्योंकि भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं होने से उनके हौसले बुलंद हैं,,,जिसका खामियाजा खासकर गरीबों को भुगतना पड रहा है जहां सरकार की महती योजनाओं में भी लाभ लेने के लिए भी बेवजह जेब ढीली करनी पड रही है,,वहीं इस तरह की शिकायतें मिलने पर भी विभागीय नुमाइंदों व भ्रष्टाचारियों पर भी सख्त कार्रवाई नहीं कर पाता। जिसका वे बेखौफ लाभ उठा रहे हैं,,,
शिकायत नहीं करने की दी जाती ही है चेतावनी
लेनदेन के इस खेल में जहां पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा सीधे तौर पर संबंधित विभाग में किसी तरह शिकायत नहीं करने की बात कही जाती है,,साथ ही सरकारी नुमाइंदे भी शिकायत होने पर भ्रष्ट अमलों पर कार्रवाई की बजाय घालमेल करता है,,, जिससे लोग लेनदेन के बात पूरी तरह चुप्पी साध लेते हैं,, और इसका फायदा भ्रष्टाचारियों को मिलता है और वे इस काम को आगे भी अंजाम देने से नहीं कतरात और फिर लेनदेन का यह सिलसिला अनवरत जारी रहता है। बहरहाल लेनदेन का यह कालाकारनामा बिचौलिओं के जरिए बडी चालाकी से खेला जाता है।