0 सालों तक अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं की नहीं ली सूध,,,अब उनके हित में काम करने की हो रही बात...
जांजगीर-चाम्पा। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टी के लोग टिकट की दावेदारी के लिए तरह-तरह के हथकंडे अफना रहे हैं..कभी जनसंपर्क के माध्यम से तो ...कभी जनप्रतिनिधि कोई कार्यक्रम के बहाने खुद का शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं...इसी परिपेक्ष्य में गत दिवस खैरताल में भी जिला पंचायत सदस्य ज्योति किशन कश्यप ने पिछड़ा वर्ग के लोगों का भरोसा जीतने और उनके वोट हासिल करने वोट बैंक की सामाजिक राजनीतिकरण करने एक सम्मेलन कराया,,,जो पूरी तरह आगामी चुनाव के रणनीति के तहत था। जिसमें पिछड़ा वर्ग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा पिछड़ा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र चंद्राकर,अकलतरा विधायक चुन्नीलाल साहू कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष दिनेश शर्मा की उपस्थिति रहे। इस दौरान पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण दिलाने सहित कई तरह के प्रलोभन देकर रिझाने यह सम्मेलन हुआ। यहां यह बताना लाजमी होगा कि श्रीमती ज्योति किशन कश्यप जांजगीर चाम्पा विधानसभा के लिए खुद को टिकट के लिए प्रबल दावेदार मानती है जबकि कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष दिनेश शर्मा लगातार तीन बार जिला पंचायत सदस्य रहे और लंबे समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं उन्होंने भी कई बार जांजगीर-चाम्पा विधानसभा से चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने कांग्रेस पार्टी से टिकट के लिए प्रबल दावेदारी की,,,लेकिन आज पर्यंत पार्टी ने उन पर टिकट को लेकर किसी तरह विश्वास नहीं जताया जिसकी वजह से श्री शर्मा टिकट से वंचित रह गए...मजे की बात तो यह है कि ज्योति किशन राजनीति के क्षेत्र में और कांग्रेस पार्टी में बिल्कुल में नई है... वे पहली बार जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव में किस्मत आजमाई चूंकि श्री शर्मा के क्षेत्र होने की वजह से और कांग्रेसियों के बेहतर सपोट व प्रचार प्रसार की वजह से प्रथम बार में ही उन्होंने जीत हासिल कर ली लेकिन उसके बाद क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उन्होंने कभी कोई बड़ा मुद्दा नहीं उठाया। सिर्फ जनसंपर्क कर लोगों का विश्वास जीतने और बड़े स्तर की राजनीति कर बड़े ओहदे पर पहुंचने की इच्छा प्रबल हो गई। जी हां वे खुद को जांजगीर- चाम्पा विधानसभा क्षेत्र से टिकट के लिए प्रबल दावेदार मानती हैं
जबकि वर्तमान में इस क्षेत्र से कांग्रेस से मोतीलाल देवांगन विधायक हैं ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या महज एक बार जिला पंचायत सदस्य बन जाने या फिर जनहित मुद्दों को नजर अंदाज कर सिर्फ खुद की शक्ति प्रदर्शन कर देने से पार्टी से टिकट मिल जाएगी जबकि देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी जिस दौर से गुजर रही है,,,इन हालातों में वे सिटिंग एमएलए को छोड़कर दूसरे पर भरोसा जताएंगे यह बड़ा सवाल है। वहीं दूसरी ओर जांजगीर-चाम्पा विधानसभा से कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रतिनिधि इंजी. रवि पाण्डेय भी प्रबल दावेदार माना जा रहा है जो कि पार्टी में काफी लंबे समय से सक्रिय हैं और निर्वाचित जनप्रतिनिधि नही होते हुए भी जनसंपर्क कर जनता की समस्याएं सुनकर निराकरण पर जोर दे रहे हैं अब यह.तो वक्त ही बताएगा कि चुनावी समर में किस पर पार्टी भरोसा कर उसे मैदान में उतारेंगे...लेकिन कांग्रेस में जिस तरह खुद को बेहतर साबित करने का दौर चल रहा है यह वक्त है बदलाव का इसे कांग्रेसी किस हद तक साबित कर पाएंगे...यह वक्त ही बताएगा। बहरहाल खैरताल में हुए पिछड़ा वर्ग सम्मेलन को लेकर जनता जनार्दन बखूबी वाकिफ है और इसे जनता सामाजिक राजनीतिक समीकरण के रूप में मान रही है। जनमानस समझदार है अब उन्हे सही गलत की