मंगलवार, 19 जून 2018

पिछड़ा वर्ग के लोगों का भरोसा जीतने सारे हथकंडे अफना रहे जनप्रतिनिधि,बड़े ओहदे पर पहुंचने की इच्छा हो गई प्रबल

0 सालों तक अपने क्षेत्र की जनता की समस्याओं की नहीं ली सूध,,,अब उनके हित में काम करने की हो रही बात...
जांजगीर-चाम्पा। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टी के लोग टिकट की दावेदारी के लिए तरह-तरह के हथकंडे अफना रहे हैं..कभी जनसंपर्क के माध्यम से तो ...कभी जनप्रतिनिधि कोई कार्यक्रम के बहाने खुद का शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं...इसी परिपेक्ष्य में गत दिवस खैरताल में भी जिला पंचायत सदस्य ज्योति किशन कश्यप ने पिछड़ा वर्ग के लोगों का भरोसा जीतने और उनके वोट हासिल करने  वोट बैंक की सामाजिक राजनीतिकरण करने एक सम्मेलन कराया,,,जो पूरी तरह आगामी चुनाव के रणनीति के तहत था।  जिसमें पिछड़ा वर्ग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ताम्रध्वज साहू राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा पिछड़ा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र चंद्राकर,अकलतरा विधायक चुन्नीलाल साहू कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष  दिनेश शर्मा की उपस्थिति रहे। इस दौरान पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण दिलाने सहित कई तरह के प्रलोभन देकर रिझाने यह सम्मेलन हुआ।  यहां यह बताना लाजमी होगा कि श्रीमती ज्योति किशन कश्यप जांजगीर चाम्पा विधानसभा के लिए खुद को टिकट के लिए प्रबल दावेदार मानती है जबकि कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष दिनेश शर्मा लगातार तीन बार जिला पंचायत सदस्य रहे और लंबे समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं उन्होंने भी कई बार जांजगीर-चाम्पा विधानसभा से चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने कांग्रेस पार्टी से टिकट के लिए प्रबल दावेदारी की,,,लेकिन आज पर्यंत पार्टी ने उन पर टिकट को लेकर किसी तरह विश्वास नहीं जताया जिसकी वजह से श्री शर्मा टिकट से वंचित रह गए...मजे की बात तो यह है कि ज्योति किशन राजनीति के क्षेत्र में और कांग्रेस पार्टी में बिल्कुल में नई है... वे पहली बार जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव में किस्मत आजमाई चूंकि श्री शर्मा के  क्षेत्र होने की वजह से और कांग्रेसियों के बेहतर सपोट व प्रचार प्रसार की वजह से प्रथम बार में ही उन्होंने जीत हासिल कर ली लेकिन उसके बाद क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उन्होंने कभी कोई बड़ा मुद्दा नहीं उठाया। सिर्फ जनसंपर्क कर लोगों का विश्वास जीतने और बड़े स्तर की राजनीति कर बड़े ओहदे पर पहुंचने की इच्छा प्रबल हो गई। जी हां वे खुद को जांजगीर- चाम्पा विधानसभा क्षेत्र से टिकट के लिए प्रबल दावेदार मानती हैं
जबकि वर्तमान में इस क्षेत्र से कांग्रेस से मोतीलाल देवांगन विधायक हैं ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या महज एक बार जिला पंचायत सदस्य बन जाने या फिर जनहित मुद्दों को नजर अंदाज कर सिर्फ खुद की शक्ति प्रदर्शन कर देने से पार्टी से टिकट मिल जाएगी जबकि देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी जिस दौर से गुजर रही है,,,इन हालातों में वे सिटिंग एमएलए को छोड़कर दूसरे पर भरोसा जताएंगे यह बड़ा सवाल है। वहीं दूसरी ओर जांजगीर-चाम्पा विधानसभा से  कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रतिनिधि इंजी. रवि पाण्डेय भी प्रबल दावेदार माना जा रहा है जो कि पार्टी में काफी लंबे समय से सक्रिय हैं और निर्वाचित जनप्रतिनिधि नही होते हुए भी जनसंपर्क कर जनता की समस्याएं सुनकर निराकरण पर जोर दे रहे हैं अब यह.तो वक्त ही बताएगा कि चुनावी समर में किस पर पार्टी भरोसा कर उसे मैदान में उतारेंगे...लेकिन कांग्रेस में जिस तरह खुद को बेहतर साबित करने का दौर चल रहा है यह वक्त है बदलाव का इसे कांग्रेसी किस हद तक साबित कर पाएंगे...यह वक्त ही बताएगा। बहरहाल खैरताल में हुए पिछड़ा वर्ग सम्मेलन को लेकर जनता जनार्दन बखूबी वाकिफ है और इसे जनता सामाजिक राजनीतिक समीकरण के रूप में मान रही है। जनमानस समझदार है अब उन्हे सही गलत की

शुक्रवार, 15 जून 2018

तालाब को संरक्षित रखने 73 वर्षीय बुजुर्ग ने लिया संकल्प

डायमंड शुक्ला
0 स्थानीय ठेकेदार और ग्रामीणों की मदद से सरकारी तालाब को कराया सात फीट गहरा
जांजगीर-चाम्पा। सरोवर को धरोवर मानने वाले अकलतरा ब्लाक के लटिया गांव के एक तिहत्तर वर्षीय बुजूर्ग ने अपने गांव के तलाबों को संरक्षित रखने का अकेले ही बीड़ा उठाया है...वे प्रकृति प्रेमी है..पर्यावरण के संतुलन पर उनका हमेशा जोर रहता है...जल संवर्धन पर जोर देने वाले लटिया निवासी नारायण सिंह सेंगर भले ही 72 की उम्र पार कर गए हों लेकिन तालाबों को बचाने,संरक्षित रखने उनका जोश और जुनून किसी युवा से कम नहीं है...जी हां हम बात कर रहे हैं अकलतरा ब्लाक के ग्राम पंचायत लटिया की जो अकलतरा से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर है...यहां नारायण सिंह सेंगर ने  तकरीबन 5 एकड़ में फैले डोंगिया तालाब के संरक्षण और जल संवर्धन को ध्यान में रखते हूए पास के प्लांट प्रबंधन और स्थानीय ठेकेदारों से मदद लेते हुए 7 फीट गहरा तालाब खुदवाकर एक मिसाल कायम की है...इस संबंध में श्री सेंगर ने बताया कि वाटर लेबल सिर्फ शहर में ही कम नही हो रहा है बल्कि गवों में भी अब पेयजल की समस्या बढ़ती ही रही है... जो गंभीर समस्या है आने वाले समय में स्थिति और भी भयावाह हो जाएगी। इसलिए गांवों के कुंए और तालाबों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है...श्री सेंगर ने बताया कि उनके मन में हमेशा ही तालाबों को बचाने और उनका गहरीकरण कराने की मंशा रही है और इसी परिपेक्ष्य में अपने इस दिली इच्छा को मूर्त रूप देने दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ उन्होनें स्थानीय प्लांट प्रबंधन और लोगों की मदद से गांव के डोंगरी तालाब के गहरीकरण का काम शुरू कराया,,,और  तालाब को सात फीट गहरा खोदा गया। जिससे तालाब संरक्षित तो हुआ ही इससे जल संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा। श्री सेंगर ने बुजूर्ग होते हुए भी हिम्मत नहीं हारी और 20 दिनों तक चले इस गहरीकरण काम में तेज धूप में भी वे तालाब किनारे डटे रहते थे। आखिरकार उनका यह प्रयास सफल हुआ और आज लटिया का तालाब सुरक्षित हो गया। जिससे ग्रामीणों में खुशी है। वहीं श्री सेंगर अपने इस संकल्प को पूरा करने गांव के ही एक अन्य तालाब को गहरीकरण कराने जुट गए हैं। 

कुर्रु तालाब को गहरीकरण करने प्रयास जारी
तालाब को संरक्षित रखने में लगे श्री सेंगर अब गांव के कुर्रु तालाब को गहरीकरण कराने में लग गए हैं...उसके लिए शासन -प्रशासन को पत्राचार करने की बात कर रहे हैं हालांकि उनका यह भी मानना है कि स्थानीय  प्लांट  प्रबंधन को भी अवगत कराते हुए तालाब गहरीकरण में सहयोग चाही गई है। अगर अभी बारिश नही होती है तो इसी साल कुर्रु तालाब का गहरीकरण हो जाएगा। बहरहाल प्रयास जारी है और इस तालाब को भी गहरीकरण कराने एड़ी चोटी एक कर रहे हैं जबकि श्री सेंगर के परिवार इन तालाबों के पानी का उपयोग नहीं करते। उनके घर में ही ट्यूबवेल की सुविधा है लेकिन तालाब को बचाने श्री सेंगर को जूनून सवार है अब देखना यह है कि वे अपने इस काम में किस हद तक सफल हो पाते है।  
ग्राम पंचायत से प्रस्तावित है तालाब गहरीकरण 
तालाब गहरीकरण का काम मनरेगा के तहत भी कुछ दिन तक कराया गया, लेकिन राशी की कमी वजह से तालाब में कोई खास गहरीकरण का काम नजर नही आया। ऐसे में श्री सेंगर का संकल्प काम आया और उन्होंने तालाब को सात फीट गहरा खुदवाने में कोई कसर नहीं छोड़ा। 

विकास यात्रा के बहाने सरकारी खजाने से करोड़ो का वारा न्यारा

डायमंड शुक्ला 
संपादक मिशन क्रांति न्यूज
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विकास यात्रा के बहाने सरकारी खजाने से करोड़ो का वारा न्यारा 
0 जनमानस के हित के लिए नहीं बल्कि पार्टी के प्रचार के लिए अपनाए जा रहे सारे हथकंडे
0 विपक्षी पार्टी के नेताओं को भी कोई सरोकार नहीं
सत्तासीन पार्टी द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में चलाए जा रहे विकास यात्रा में खुद की वाहवाही गिनाने सरकारी खजाने से करोड़ों  रूपये खर्च करने की तैयारी है...यह सिलसिला शुरू भी हो चुका है...जहां पंडाल से लेकर सरकार के आने जाने में करोड़ो रूपये पानी की तरह बहाए जाएंगे...जिलेवार विकास यात्रा को लेकर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो गई है...जहां निर्धारित तिथि के अनुसार तैयारी में प्रशासनिक अमला जुटे हुए हैं। सवाल यह है कि जहां आज भी गरीबी,भूखमरी और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं...ऐसे में महज विकास की गाथा सुनाने के लिए करोड़ो अरबों रूपये इसलिए खर्च कर दिए जाएंगे...क्योंकि उन्हें जनमानस के विकास से दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं है। ऐसे में सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास यात्रा कितना सार्थक होगा। यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। बहरहाल सरकार अपने मंसूबे पर तो कामयाब हो जाएगी। पर आम जनमानस कब तक सरकार के इस तरह की गतिविधियों को सहर्ष स्वीकार करेगी। क्योंकि सवाल राज्य का है देश का है...विकास को अगर बताने व जताने की जरूरत पड़ी। वह भी रूपये का इस तरह बंदरबाट करके तो सही मायने में क्या यही  विकास माना जाएगा। यह बड़ा सवाल है। सरकारी तंत्र की मनमानी से लोकतंत्र कहीं कमजोर ना पड़ जाए...अपनी सहुलियत व सुविधानुसार जिस तरह सरकार विकास के बहाने अपनी पीठ थपथपा रही है इससे तो ऐसा ही लगता है कि 
एक तरफ विकास के लिए खर्च तो दूसरी ओर उपलब्धियां गिनाने विकास का गुणगान करने सरकारी खजानों का बंदरबांट...यही है विकास।  वहीं विपक्षी दल के दिग्गज और जनप्रतिनिधि भी खुद आगामी विधानसभा  चुनाव में खुद की साख बचाने लोगों से संपर्क साधने में लगे हैं ऐसे में भला जनता जनार्दन करे क्या। उनके लिए तो बस सरकार सर्वोपरी है...सरकार भी जनता का विश्वास जीतने भरसक प्रयास कर रही है...यह भी एक चुनावी फंडा से कम नहीं जहां सरकार को अपने कार्यकाल में हुए कामों की उपलब्धियां गिनाने विकास यात्रा का सहारा लेना पड़ रहा है...वाह रे सरकार...
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