बुधवार, 31 मई 2017

सुरक्षा परिषद मे स्थाई सदस्यता के लिए भारत प्रबल दावेदार - राजू महंत

0 भौगोलिक,राजनैतिक,आर्थिक व सामाजिक दृष्टिकोण से पूरी तरह परिपूर्ण
0 विश्व का सबसे बड़ा लोक तांत्रिक देश है भारत
जांजगीर चाम्पा। भारत संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक देश रहा है,अब तक सात बार सुरक्षा परिषद का सदस्य चुना जा चुका है भारत को अस्थायी सदस्यता के चुनाव में अभूतपूर्व समर्थन मिला। सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता के लिए भारत प्रबल दावेदार है। उक्त बातें भाजयुमो के जिलाध्यक्ष राजू महंत ने कही वे दैनिक आज की जनधारा से चर्चा कर रहे थे। श्री महंत ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना 1945  में 70  साल पहले हुई थी। जिसमें पांच बड़े व शक्तिशाली देशों को सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता प्रदान की गई थी। चार्टर के अध्याय पांच में परिषद के गठन का वर्णन है। यह संयुक्तराष्ट्र संघ का कार्यकारी अंग हैं तथा विश्वशांति व सुरक्षा के लिए मूल रूप से उत्तरदायी है। मूल चार्टर में 11 सदस्य थे जिसमें 5  स्थाई व 6 रूस,चीन,फ्रांस व ब्रिटेन स्थाई देशों में शामिल है। अस्थाई सदस्यों का चुनाव महासभा द्वारा दो तिहाई बहुमत से 2 साल के लिए चुना जाता है,,,संयुक्तराष्ट्र संघ की जिम्मेदारी शांति,सुरक्षा के अलावा संयुक्त राष्ट्र में नए राष्ट्रों का प्रवेश,महासचिव का चयन,अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ती,चार्टर में संशोधन,सदस्यों का निष्कासन आदि विषयों पर महासभा के निर्णय के पहले सुरक्षा परिषद की सहमती आवश्यक है इसिलिए सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र संघ का सबसे शक्तिशाली व महत्वपूर्ण अंग है।इसकी स्थाई सदस्यता किसी भी देश के लिए शक्ति व प्रभाव का प्रतिक है। श्री महंत ने संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत देश की स्थाई सदस्यता पर जोर देते हुए कहा कि भारत भौगोलिक,राजनैतिक, आर्थिक व सामाजिक दृष्टिकोण से पूरी तरह परिपूर्ण है, विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है,,,भारत अर्थव्यवस्था की दृष्टिकोण से भी काफी प्रबल है, वहीं विश्वशांति में भी भारत देश की महती भूमिका रहा है जिसे कतई नकारा नहीं जा सकता है। इसके बावजूद भारत देश को संयुक्तराष्ट्र संघ में स्थाई सदस्यता नहीं मिल पाना अनुचित है,,,उन्होने कहा कि विश्व शांति की बात करें तो उसमें भी हमारे देश की महत्वपूर्ण भूमिका रही,,,भारत ने 1950 - 53  तथा के कोरिया युद्ध व हिन्द चीन की समस्या में मध्यस्थता कर शांति स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभाई है भारत ने हमेशा परमाणु नि:शक्तिकरण की एक व्यापक व सुनीयोजित योजना प्रस्तुत की है। भारत ने सदैव आतंकवाद का विरोध किया है। भारत लंबे समय से आतंकवाद का दंश झेल रहा है लेकिन इसके बावजूद भारत ने कभी भी हिंसा व मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं किया है।भारत समय-समय पर विश्वमंच में आतंकवाद के खिलाफ आवाज मुखर करता रहा है व शांति स्थापना पर जोर देता रहा है इसलिए विश्व शांति व पड़ोसी देशों के साथ भारत का सौहार्दपूर्ण संबंध भारत की स्थाई सदस्यता का मजबूत आधार है।

शुक्रवार, 5 मई 2017

सरपंच की मिलीभगत से निस्तारी तालाब में अवैध ईंट भट्ठे का कारोबार

कार्यवाही के नाम पर खनिज विभाग के अफसरों ने लेनदेन कर की खानापूर्ति
जेसीबी से काट दिए गए हैं तालाब के पार, विकासखंड मुख्यालय बम्हनीडीह का मामला

मिशन क्रांति न्यूज , जांजगीर.चांपा। ग्राम पंचायत बम्हनीडीह की महिला सरपंच की मिलीभगत से निस्तारी तालाब में ईंट भटृठे का कारोबार धडल्ले से चल रहा है सरपंच पति का दावा है कि पंचायत में बकायदा प्रस्ताव पारित कर संबंधित को तालाब में ईंट भट्ठा लगाने की अनुमति दी गई है। भट्ठा संचालक तालाब और उसके पार की अवैध रूप से खुदाई करवाकर लाखों की संख्या में ईंट बनवा रहा है। विकासखंड मुख्यालय में कई वरिष्ठ अफसर पदस्थ होने के बावजूद ईंट भट्ठा संचालक सारे नियम.कायदों को ताक पर रखकर अपना अवैध कारोबार जारी रखे हुए है।
जिले भर में अवैध ईंट भट्ठों का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। किसी ने खेत में भट्ठा लगाया है तो कोई सरकारी जमीन में भट्ठा लगाकर मोटी रकम कमा रहा है। विकासखंड मुख्यालय बम्हनीडीह में तो ईंट भट्ठा लगाने सारे नियम.कायदों को ताक पर रख दिया गया है। दरअसलए बम्हनीडीह बस्ती के बाहर एक निस्तारी तालाब बोकरमाल स्थित हैए जो गर्मी की वजह से वर्तमान में पूरी तरह सूख गया है। मुख्य मार्ग से गुजरते समय यह तालाब आसानी से नजर नहीं आता। आसपास पेड़ और मकान होने से इस तालाब पर बाहरी लोगों की नजर तक नहीं पड़तीए जिसका सरपंच और उसके पति ने पूरा फायदा उठाया है। बम्हनीडीह सरपंच और उसके पति ने सुप्रीम कोर्ट के फरमान की धज्जियां उड़ाते हुए इस तालाब को ईंट भट्ठा लगाने के लिए किराए पर दे दिया है। बताया जा रहा है कि सरपंच ने इस तालाब में ईंट भट्ठा लगवाने के लिए ग्राम पंचायत में बकायदा प्रस्ताव पारित किया हैए जिसके आधार पर तालाब में भट्ठा लगाने ग्राम के ही बसंत कुम्हार नामक व्यक्ति को खुली छूट दी गई है। इसकी जानकारी होने पर बुधवार को जब कुछ मीडियाकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया तो वहां कई चौंकाने वाली बाते सामने आई। पूछताछ में पता चला कि बम्हनीडीह सरपंच और उसके पति ने बसंत कुम्हार नामक जिस व्यक्ति को तालाब में ईंट भट्ठा लगाने की अनुमति दी हैए उस अवैध कारोबार का संचालन असल में बम्हनीडीह निवासी मिट्ठू जायसवाल और उसका पुत्र कर रहा है। बसंत कुम्हार नामक व्यक्ति केवल मोहरा हैए जबकि वास्तव में तालाब में लगे सारे भट्ठे मिट्ठू जायसवाल और उसके पुत्र के हैं। सरपंच और उसके पति के संरक्षण में पिता.पुत्र ने कायदे.कानून और सुप्रीम कोर्ट के फरमान की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इन्होंने तालाब के चारों ओर पार को एक्सीवेटर से कटवा दिया हैए जिससे निकली मिट्टी का उपयोग ईंट तैयार करने में किया जा रहा है। तालाब के भीतर अवैध रूप से बोर उत्खनन भी करवाया गया हैए जिसके पानी से ईंट बनवाया जा रहा है। सिर्फ इतना ही नहींए ईंट पकाने के लिए यहां चोरी के कोयले को धड़ल्ले से खपाया जा रहा है।
लेनदेन कर मामला निपटाने की पेशकश
बुधवार की दोपहर तालाब के भीतर संचालित ईंट भट्ठे में कुछ मीडियाकर्मियों के पहुंचकर फोटोग्राफ्स लिए जाने की खबर जैसे ही भट्ठा संचालक मिट्ठू जायसवाल के पुत्र तक पहुंचीए वह तत्काल वहां पहुंचा। पहले तो उसने खुद को ईमानदार बताते हुए नियमों के तहत भट्ठा संचालित होने की बात कहीए लेकिन जब उसकी दाल नहीं गली तो वह सेटिंग करने लगा। भट्ठा संचालक के पुत्र ने मौके पर सरपंच पति टीमन सिंह राज को भी बुलवा लिया और उससे सिफारिश कराईए लेकिन बात नहीं बनता देख वह खुद के गरीब होने की दुहाई देते हुए किसी तरह मामले को रफा.दफा करने की मिन्नतें करने लगा। मगर मीडियाकर्मियों के आगे उसकी एक न चलीए तब सरपंच पति टीमन सिंह राज ने कहा कि तालाब के भीतर संचालित भट्ठा अवैध नहीं है। इसके लिए बकायदा पंचायत में प्रस्ताव पारित किया गया है।
सरपंच पति के संरक्षण में अवैध कारोबार
मौके पर उपस्थित सरपंच पति टीमन सिंह राज ने कहा कि कोई अफसर आ जाएए ईंट भट्ठा संचालक का कुछ बिगाड़ नहीं सकता। इतना कहकर सरपंच पति वहां से चला गया। इसके बाद भी भट्ठा संचालक मिट्ठू जायसवाल का पुत्र काफी देर तक इस मामले को मीडिया तक नहीं लाने की गुहार लगाता रहा। इस पूरे वाक्ये में एक बात यह सामने आई कि भट्ठा संचालक ने अवैध कारोबार को अंजाम देने स्थानीय अफसरों से तगड़ी सेटिंग कर रखी है। वहीं खनिज विभाग के अफसरों को मुंहमांगी रकम दी गई हैए तभी तो मुख्य मार्ग में स्थित तालाब के भीतर अवैध रूप से ईंट भट्ठा संचालित होने के बाद भी जिम्मेदार अफसर आंखों में काली पट्टी बांधकर धृतराष्ट बने हुए हैं।
जुर्माना ठोंककर निपटा दिया मामला
बम्हनीडीह के निस्तारी तालाब में अवैध रूप से संचालित ईंट भट्ठे की शिकायत कुछ दिन पहले खनिज विभाग के अफसरों तक पहुंची थीए तब खनिज निरीक्षक बंजारे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे भी थे। मौका मुआयना करने के बाद टीम ने भट्ठे की सभी ईंटों को जब्त कर संचालक पर 12 हजार रुपए जुर्माना किया था। साथ ही संचालक को चेतावनी दी थी कि ईंट और वहां रखे सारे सामान उसी स्थिति में होने चाहिएए जिस स्थिति में टीम ने वहां छापा मारकर जब्ती कार्यवाही की है। भट्ठा संचालक ने जुर्माने की राशि का चालान बैंक में जमा तो करवा दियाए लेकिन टीम के वहां से जाने के चंद घंटे बाद सरपंच और उसके पति के संरक्षण में यह अवैध कारोबार फिर शुरू हो गयाए जो लगातार जारी है। खास बात यह है कि भट्ठे में पहुंचकर ईंटों की जब्ती बनाने वाली खनिज विभाग की टीम ने दोबारा वहां पहुंचकर वर्तमान हालात का जायजा लेना तक मुनासिब
उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन
ग्राम पंचायत बम्हनीडीह के सरपंच और उसके पति ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को खुला चैलेंज किया है। यही वजह है कि नियमों को ताक पर रखकर निस्तारी तालाब में अवैध ईंट भट्ठा का कारोबार जारी है। सरपंच पति टीमन सिंह राज का कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश.निर्देश की परवाह नहीं करता। तालाब को ईंट भट्ठा के लिए देने के संबंध में ग्राम पंचायत में बकायदा प्रस्ताव पारित हुआ है। यदि चाहें तो सूचना का अधिकार के तहत आवेदन देकर प्रस्ताव की प्रमाणित प्रति ले सकते हैं। उसका यह भी कहना है कि उसकी पहुंच ऊपर तक है। वह बड़े.बड़े नेता और कई प्रशासनिक अफसरों को अपनी जेब में लेकर चलता है। यहां बताना लाजिमी होगा कि प्राकृतिक जलस्त्रोतों के संरक्षण को लेकर एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट गंभीर है और लोगों की निस्तार की समस्या को देखते हुए कलेक्टर की पहल पर नहरों के माध्यम से तालाबों को भरने का प्रयास किया जा रहा हैए वहीं दूसरी ओर विकासखंड मुख्यालय बम्हनीडीह में सरपंच और उसके पति ने नियम.कायदों को ताक पर रखकर चंद रूपयों की खातिर निस्तारी तालाब को ही किराए पर दे दिया है।
कार्यवाही के लिए दिया निर्देश
निस्तारी तालाब में ईंट भट्ठा लगाना गैरकानूनी है। सरपंच या ग्राम पंचायत को तालाब में ईंट भट्ठा लगाने के लिए अनुमति देने का अधिकार नहीं है। खनिज अधिकारी को मौके पर भेजकर संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्यवाही होगी।
.डीके सिंह अपर कलेक्टरए जांजगीर