शनिवार, 29 दिसंबर 2018

गोधना के किसानों ने कर्नाटक पावर प्लांट द्वारा अधिग्रहित भूमि वापस कराने सीएम से की मांग ◆ राजेश्री महंत रामसुंदर दास के नेतृत्व में गोधना के किसानों ने की मुलाकात


 मिशन क्रांति न्यूज.
 जांंजगीर-चाम्पा। नवागढ़ ब्लाक के गोधना के किसानों ने कर्नाटक पावर  प्लांट के द्वारा अधिग्रहण किए गए भूमि को वापस कराने रायपुर जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की।  प्रभावित किसानों ने अपने मांग पत्र में कुल 1260 एकड़ जमीन किसानों को वापस करने की मांग मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की।
ज्ञात हो कि भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री पद धारण करने तथा किसानों के हित में टाटा इस्पात संयंत्र द्वारा बस्तर में अधिग्रहित सत्रह सौ एकड़ जमीन किसानों को वापस किए जाने से प्रभावित होकर जिले में स्थापित होने वाले औद्योगिक संस्थानों द्वारा अधिग्रहित भूमि किसानों को वापस किए जाने की मांग रखने का मामला प्रकाश में आया है प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम गोधना के किसानों ने अपनी मांगे राजेश्री डॉक्टर महंत रामसुंदर दास के समक्ष रखी और कहा कि  मुख्यमंत्री  ने बस्तर के किसानों की जमीन उन्हें वापस करने का आदेश दिया है अतः हमारी मांग भी उनके समक्ष पहुंचाने की दया करें महंत जी ने किसानों को मुख्यमंत्री जी से मुलाकात करा कर उनकी मांग उनके समक्ष रखी किसानों ने मुख्यमंत्री को बताया कि कर्नाटक पावर प्लांट कर्नाटक सरकार द्वारा स्थापित होने की बातें कह कर ग्राम गोधना सलखान एवं कुकदा की कुल 1260 एकड़ दो फसली उपजाऊ भूमि को अधिग्रहित कर ली गई है 7 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी आज तक संबंधित भूमि में कोई भी उद्योग स्थापित नहीं हुआ है अतः अब जमीन किसानों को वापस किए जाने का आदेश प्रदान करने की मांग उन्होंने मुख्यमंत्री से की मुख्यमंत्री ने किसानों से पूछा कि जमीन किसी निजी कंपनी ने अधिग्रहित की है या शासन ने ? किसानों ने उन्हें बताया कि कर्नाटक सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहित है मुख्यमंत्री जी ने संपूर्ण मामले को संज्ञान में लेकर विचार पूर्वक निर्णय लेने का आश्वासन किसानों को दिया यहां यह उल्लेखनीय है कि श्री बघेल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहते हुए पद यात्रा के दौरान ग्राम गोधना पहुंचे थे जहां उन्होंने कांग्रेस की सरकार बनने पर जमीन वापस किए जाने का आश्वासन किसानों को दिया था
निर्मल दास वैष्णव ने ली थी किसानों की बैठक- यहां यह उल्लेखनीय है कि किसानों के बुलावे पर जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रवक्ता निर्मल दास वैष्णव ने दिनांक 26 दिसंबर को गोधना पहुंचकर किसानों के प्रतिनिधि मंडल की बैठक ली थी और उन्हें उनके मांग के अनुरूप मुख्यमंत्री जी से मिला कर समस्या का यथासंभव समाधान करने के उचित पहल का आश्वासन दिया था उन्होंने यह बातें राजेश्री महंत रामसुंदर दास जी महाराज के समक्ष रखी और उनके नेतृत्व में किसानों को मुख्यमंत्री से मिलाने में सहयोग की !
    उचित निर्णय से किसानों का होगा भला- यदि बस्तर की तरह यहां भी किसानों की भूमि उन्हें वापस की जाती है तो निश्चित ही सरकार द्वारा जनहित में उठाया गया यह एक क्रांतिकारी कदम होगा जिससे सैकड़ों किसानों के परिवार लाभान्वित होंगे, मुख्यमंत्री से राजधानी पहुंचकर मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में  जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रवक्ता निर्मल दास वैष्णव ,कांग्रेस के युवा नेतृत्व जगदीश यादव, नारायण प्रसाद यादव, मंसाराम कश्यप, प्रहलाद साहू ,मनीराम साहू ,दादू राम साहू ,लखन लाल धीवर, शिव कुमार धीवर सहित अन्य गणमान्य जन उपस्थित थे

कर्जमाफी अन्नदाता किसानों के हित में,, राज्य सरकार के साहसिक कदम...किसानों के हालात बदलने केंद्र और राज्य सरकार को कारगर योजना लागू करने की दरकार...




डायमंड शुक्ला
संपादक
मिशन क्रांति न्यूज
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में इस बार सरकार बनने के दस दिनों बाद अन्नदाता, किसानों के कर्जमाफी का ऐलान किया था। जिस पर किसानों ने भरोसा जताया और शायद यही वजह है,,कि इस बार कांग्रेस के पक्ष में जनादेश आया,,विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत हुई...और राज्य में छत्तीसगढ़ के मुखिया ने दस दिनों में कर्जमाफी कर घोषणापत्र में किए वादे पूरा कर किसानों का भरोसा जीत लिया। वाकई यह सरकार का साहसिक कदम है...किसान हित में लिए गए इस ऐतिहासिक फैसले को लेकर राज्य सरकार भूपेश बघेल के प्रति अन्नदाताओं की उम्मीदें बढ़ गई है।

 हालांकि अभी चुनौतियां भी बहुत है,,विपक्षी पार्टी जहां सरकार के इस कदम को भी सही बताने की बजाय किसानों के कर्जमाफी में खामियां बताकर खुद को किसान हितैषी साबित करना चाह रहे हैं...पर जनता जनार्दन को सही गलत की परख है,,,पूर्व में उद्योगपति , व्यापारी,ठेकेदार और अपने चहेतों को लाभ दिलाने वाली रमन सरकार के मंत्री कई तरह के राग अलाप रहे हैं...एक मंत्री ने तो सार्वजनिक मंच से दस दिन में कर्जमाफी नहीं होने पर विधायक से इस्तीफा देने की बात तक कर डाली, लेकिन उसके बाद जनाब अपने बात से ही मुकर गए। आखिर इन नेताओं की यह पुरानी आदत जो रही है,,अब हकीकत छत्तीसगढ़ के जनता के सामने हैं...हालांकि किसानों के हालात बदलने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर बहुत कुछ करने की दरकार है,,,सरकार जनहितैषी हो, खासकर भारत देश के अन्नदाता, किसानों के हित में काम हो...फैसला हो...क्योंकि आज भी राष्ट्र में गांवों में अन्नदाताओं की तादात  सबसे अधिक है,,और सबसे पिछड़े हुए भी हैं,,,किसानों के लिए कर्जमाफी बड़ी राहत है पर किसानों के हालात बदलने नीतिगत योजना बनाने की जरूरत है और उसका सही ढंग से क्रियान्वयन भी जरूरी है किसानों का  छत्तीसगढ़ सरकार पर भरोसा बढ़ा है...अब देखना यह है कि अन्नदाता किसानों के लिए किस तरह की योजनाएं लागू होती हो। जिससे किसान लाभान्वित हों और कृषि के प्रति अन्नदाताओं की रूची बढ़े।
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बुधवार, 26 दिसंबर 2018

तिवारी परिवार का वार्षिक सम्मेलन,,,पारिवारिक सदस्यों ने समिति गठित करने का लिया निर्णय

मिशन क्रांति न्यूज
जांजगीर- चाम्पा। नगर के अग्रसेन भवन नैला में 25 दिसंबर को तिवारी परिवार का वार्षिक सम्मेलन आयोजित हुआ।  जिसका मुख्य उद्देश्य पारिवारिक मिलन और पारिवारिक गतिविधियों के संबंध में चर्चा करना था। तिवारी परिवार का यह तीसरा वार्षिक सम्मेलन था। इस अवसर पर तिवारी परिवार द्वारा एक समिति गठित कर परिवार के जरूरतमंद लोगों को आर्थिक सहयोग प्रदान करने पर विचार विमर्श किया गया।

गौरतलब है कि तुलसी, केरा, मुनुंद,मारो,नारायणपुर,घुठिया व लमती सहित अन्य क्षेत्रों के तिवारी परिवार के सदस्यों को एकजुट करने नैला के अग्रसेन भवन में तिवारी परिवार द्वारा वार्षिक  सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बलदेव शर्मा, अरूण तिवारी,
बद्री प्रसाद शर्मा,अनिल शर्मा, प्रदीप शर्मा,सतीष शर्मा,जितेंद्र तिवारी, सतीष तिवारी शामिल हुए। अतिथियों ने तिवारी परिवार द्वारा आयोजित इस वार्षिक सम्मेलन की सराहना करते हुए। इस कार्यक्रम कोे अनवरत जारी रखने की बात कही। कार्यक्रम का संचालन प्रज्ञा तिवारी और जितेंद्र तिवारी ने की। इस अवसर पर तिवारी परिवार के गया प्रसाद, गोरे प्रसाद, हरनारायण,व्यास नारायण, सुरेश,शशिभूषण,प्रकाश, देवेंद्र,दिनेश,नरेश, धर्मेंद्र, जितेंद्र, भूपेंद्र,नरेंद्र, मनमथ व दीपक शर्मा सहित तिवारी परिवार के सदस्य उपस्थित थे।





बुधवार, 12 दिसंबर 2018

छत्तीसगढ़ के किसान,युवा बेरोजगार और पीडि़त जनता ने भाजपा को किया सत्ता से बेदखल...


◆ छग. में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत,,,घोषणा पत्र का चला जादू...
◆ जनादेश से बढ़कर कोई ताकत नहीं...
।। त्वरित टिप्पणी ।।
डायमंड शुक्ला
संपादक 
मिशन क्रांति न्यूज
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पिछले पंद्रह सालों से छ.ग. में सत्ता पर काबिज भाजपा की इस बार करारी हार जनमानस के आक्रोश का नतीजा है, छत्तीसगढ़ में जब 2003 के विधानसभा चुनाव में पहली बार भाजपा पर जनता ने भरोसा जताया और भाजपा को सत्ता सौंप दी। डॉ रमन सिंह ने छग. के मुख्यमंत्री के रूप में कमान संभाला। निश्चित ही मुख्यमंत्री के रूप में डॉ सिंह का पांच साल का प्रथम कार्यकाल सराहनीय रहा। छग. के जनता का उन्होंने विश्वास जीता। जिसका लाभ उन्हें 2008 के विधानसभा चुनाव  में मिला और वे दोबारा सत्ता हासिल करने में कामयाब रहे। पर डॉ रमन सिंह का यह कार्यकाल महज ढाई साल तक ठीक रहा। उसके बाद जनमानस की समस्याओं को नजरअंदाज कर पार्टी और मंत्रीयों पर ध्यानाकर्षण रहा।  मंत्रीयों  ने जनप्रतिनिधि का दायित्व छोड़कर खुद को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने पर जोर दिया। जिसके परिणाम स्वरूप 2013 के चुनाव में एंटी चोटी एक करनी पड़ी और बमुश्किल सरकार बनाने में कामयाब रहे। हालांकि इसके बावजूद कुछ भाजपाई मंत्रीयों के तेवर किसी हिटलर शासक से कम नहीं दिखे। तब तक भाजपा सरकार इस तीसरे कार्यकाल में किसानों की समस्याएं भूल चूके थे छ.ग. के युवाओं की बेरोजगारी से उन्हें कोई सरोकार नहीं रहा, सरकारी नौकरी में आऊटसोर्सिंग इसका जीता  जागता उदाहरण रहा। वहीं भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने सरकार पूरी तरह नाकाम रही। और महंगाई में बेतहासा वृद्धि ने आमजनमानस के कमर तोड़ दी। छ.ग. में मंत्री,उद्योगपति और ठेकेदार आर्थिक रूप से सुदृढ़ होते गए और गरीब और गरीब हो गए। खासकर किसान और युवा बेरोजगारों के लिए इन पंद्रह सालों में भाजपा सरकार के पास कोई कार्ययोजना नहीं। अफसरसाही हावी हो चला, जनता गरीबी और समस्याओं के जाल में उलझ गए। पर सरकार ने सिर्फ झूठे आश्वाशन के मरहम लगाए। हालांकि 2018 में चौथी बार भाजपा अपनी सरकार चुनाव के नजदीकी के मद्देनजर गरीबों को मोबाइल बांटकर रिझाने का असफल प्रयास किया लेकिन जनादेश सेे कांग्रेस नेे  ऐतिहासिक जीत दर्ज कर भाजपा को इस बार सत्ता से बेदखल कर दिया। यह जनादेश है जनता की ताकत है। जनमानस ने कांग्रेस को प्रचंड बहुमत से जीताकर छग में सरकार बनाने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है अब देखना होगा कि कांग्रेस क्या छत्तीसगढ़ के किसान और बेरोजगारों के विश्वास पर खरा उतर पाएगी। क्या कांग्रेस सरकार अपनी घोषणापत्र के अनुरूप काम करके जनमानस को दिलासा दिलाने में कामयाब होगा, यह बड़ा सवाल है हालांकि छ.ग. में कांग्रेस की वापसी पंद्रह सालों बाद हुआ है तो सारे वादे पूरा करेंगे ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।

छत्तीसगढ़ के किसान,युवा बेरोजगार और पीडि़त जनता ने भाजपा को किया सत्ता से बेदखल

छग. में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत,,,घोषणा पत्र का चला जादू...
◆ जनादेश  से बढ़कर कोई ताकत नहीं...
त्वरित टिप्पणी
डायमंड शुक्ला
संपादक
मिशन क्रांति न्यूज
पिछले पंद्रह सालों से छ.ग. में सत्ता पर काबिज भाजपा की इस बार करारी हार जनमानस के आक्रोश का नतीजा है, छत्तीसगढ़ में जब 2003 के विधानसभा चुनाव में पहली बार भाजपा पर जनता ने भरोसा जताया और भाजपा को सत्ता सौंप दी। डॉ रमन सिंह ने छग. के मुख्यमंत्री के रूप में कमान संभाला। निश्चित ही मुख्यमंत्री के रूप में डॉ सिंह का पांच साल का प्रथम कार्यकाल सराहनीय रहा। छग. के जनता का उन्होंने विश्वास जीता। जिसका लाभ उन्हें 2008 के विधानसभा चुनाव  में मिला और वे दोबारा सत्ता हासिल करने में कामयाब रहे। पर डॉ रमन सिंह का यह कार्यकाल महज ढाई साल तक ठीक रहा। उसके बाद जनमानस की समस्याओं को नजरअंदाज कर पार्टी और मंत्रीयों पर ध्यानाकर्षण रहा।  मंत्रीयों  ने जनप्रतिनिधि का दायित्व छोड़कर खुद को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने पर जोर दिया। जिसके परिणाम स्वरूप 2013 के चुनाव में एंटी चोटी एक करनी पड़ी और बमुश्किल सरकार बनाने में कामयाब रहे। हालांकि इसके बावजूद कुछ भाजपाई मंत्रीयों के तेवर किसी हिटलर शासक से कम नहीं दिखे। तब तक भाजपा सरकार इस तीसरे कार्यकाल में किसानों की समस्याएं भूल चूके थे छ.ग. के युवाओं की बेरोजगारी से उन्हें कोई सरोकार नहीं रहा, सरकारी नौकरी में आऊटसोर्सिंग इसका जीता  जागता उदाहरण रहा। वहीं भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने सरकार पूरी तरह नाकाम रही। और महंगाई में बेतहासा वृद्धि ने आमजनमानस के कमर तोड़ दी। छ.ग. में मंत्री,उद्योगपति और ठेकेदार आर्थिक रूप से सुदृढ़ होते गए और गरीब और गरीब हो गए। खासकर किसान और युवा बेरोजगारों के लिए इन पंद्रह सालों में भाजपा सरकार के पास कोई कार्ययोजना नहीं। अफसरसाही हावी हो चला, जनता गरीबी और समस्याओं के जाल में उलझ गए। पर सरकार ने सिर्फ झूठे आश्वाशन के मरहम लगाए। हालांकि 2018 में चौथी बार भाजपा अपनी सरकार चुनाव के नजदीकी के मद्देनजर गरीबों को मोबाइल बांटकर रिझाने का असफल प्रयास किया लेकिन जनादेश सेे कांग्रेस नेे  ऐतिहासिक जीत दर्ज कर भाजपा को इस बार सत्ता से बेदखल कर दिया। यह जनादेश है जनता की ताकत है। जनमानस ने कांग्रेस को प्रचंड बहुमत से जीताकर छग में सरकार बनाने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है अब देखना होगा कि कांग्रेस क्या छत्तीसगढ़ के किसान और बेरोजगारों के विश्वास पर खरा उतर पाएगी। क्या कांग्रेस सरकार अपनी घोषणापत्र के अनुरूप काम करके जनमानस को दिलासा दिलाने में कामयाब होगा, यह बड़ा सवाल है हालांकि छ.ग. में कांग्रेस की वापसी पंद्रह सालों बाद हुआ है तो सारे वादे पूरा करेंगे ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।
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बुधवार, 5 दिसंबर 2018

राम मंदिर निर्माण शीघ्र कराने संतों ने सांसद को सौंपा ज्ञापन


मिशन क्रांति न्यूज
जांजगीर-चाम्पा। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण शीघ्र  करवाने विश्व हिन्दु परिषद और आरएसएस के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने क्षेत्रीय सांसद श्रीमती कमला पाटले को बुधवार को ज्ञापन सौंपा और राम मंदिर निर्माण में विलंब ना करने पर जोर दिया। सभी संतो ने उक्त ज्ञापन के माध्यम से सरकार को राम मंदिर शीघ्र बनाने की चेतावनी  देने की बात कही। और इसे जनजागरण का आगाज बताया। संतो ने एक स्वर में राम मंदिर निर्माण पर बल दिया।

राम मंदिर निर्माण के लिए समाज को जगाने की जरूरत : सर्वेश्वर दास




◆  राम मंदिर निर्माण में लेटलतीफी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया
मिशन क्रांति न्यूज
जांजगीर-चाम्पा। हिन्दु धर्म सबसे प्राचीन और मानवता से परिपूर्ण है इसके बावजूद सर्व शक्तिमान ईश्वर श्री रामचंद्र की अयोध्या में मंदिर बनाने में राजनेता असमर्थ हैं, ऐसे में  राम मंदिर निर्माण के लिए समाज को जगाने की जरूरत है। उक्त बातें विश्व हिंदु परिषद केंद्रीय समिति के सदस्य कोटमीसोनार निवासी संत सर्वेश्वरदास ने जिलामुख्यालय के दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर परिसर  में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दु परिषद अंतरराष्ट्रीय संगठन है संघ किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन नहीं करता। लेकिन जो भगवान श्रीराम के नहीं या सरकार राम मंदिर निर्माण के पक्ष में नहीं उन्हें विश्व हिन्दु परिषद  हिन्दु हित में नहीं मानता। उन्होंने बताया कि आज इतने लंबे अंतराल के बाद भी सरकार श्रीराम की जन्म भूमि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कराने में असमर्थ है यह हिन्दुओं की आस्था पर कुठाराघात है। आज सरकार और समाज को जगाने की जरूरत है इसी परिपेक्ष्य में क्षेत्रीय सांसद श्रीमती कमला पाटले को ज्ञापन सौंपेंगे और राम मंदिर निर्माण शीघ्र कराने का निवेदन करेंगे जो संत समाज की ओर से एक चेतावनी होगी। हालांकि हिन्दुओं ने राम मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी सरकार पर भरोसा जताया लेकिन संसद में पूर्ण बहुमत होते हुए केंद्र की सरकार राम मंदिर निर्माण कराने में विफल रही। यह सरकार की नाकामी है। अगर सरकार विश्व हिन्दु परिषद के विश्वास पर खरा नहीं उतर पाए तो संगठन उन्हें फटकार लगाती है। भगवान और संत विश्वकल्याण के लिए है यह किसी के लिए व्यक्तिगत नहीं है। आज हर हिन्दु राम मंदिर निर्माण कराने लालायित है इनसे उनकी आस्था जुड़ी है। अब तो ऐसा लगता है कि राजनेता राम मंदिर नहीं बना पाएंगे। समाज को जगाकर और जनजागरण से ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण होगा। इसके लिए संतो ने आवाज मुखर कर दी है। इस अवसर पर विश्व हिन्दु परिषद के प्रांतीय मंत्री विभूतीभूषण पाण्डेय,स्वामी रामगोपाल दास, प्रांतीय मठ मंदिर प्रमुख योगेश शर्मा, जांजगीर चाम्पा संघ चालक ओम प्रकाश, विश्व हिन्दु परिषद बिलासपुर संभाग  के सहमंत्री अश्वनी राठौर,  जिला मंत्री कुंज बिहारी साहू, सक्ती जिला संघ चालक रामचंद्र थवाड़ी, संत दुर्लभ दास महंत, अमृतगिरि महाराज, सौभाग्य दुबे और तपेश शर्मा सहित विश्व हिन्दु परिषद और आरएसएस के सदस्य उपस्थित थे।